Jump to content

अंजनी ललनवाँ अजबे लाल बा बदनवाँ

From Wikisource
अंजनी ललनवाँ अजबे लाल बा बदनवाँ
by महेंदर मिसिर
300857अंजनी ललनवाँ अजबे लाल बा बदनवाँमहेंदर मिसिर

अंजनी ललनवाँ अजबे लाल बा बदनवाँ
बजरंगी हो कब लेब सुधिया हमार।।
मंगल के दाता हडअ मारूती नन्दन,
बजरंगी हो बुधिया के हउअ भंडार।।
संत हितकारी प्रभुजी अगम बलधारी,
बजरंगी हो विनती करीले बारम्बार।।
कहत महेन्द्र हनुमत दे द दरसनवाँ,
बजरंगी हो दरसन बिना जिया बेकरार।


This work is now in the public domain because it originates from India and its term of copyright has expired. According to The Indian Copyright Act, 1957, all documents enter the public domain after sixty years counted from the beginning of the following calendar year (ie. as of 2024, prior to 1 January 1964) after the death of the author.