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जबसे गइलें स्याम नीको नाही लागे धाम

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जबसे गइलें स्याम नीको नाही लागे धाम
by महेंदर मिसिर
301378जबसे गइलें स्याम नीको नाही लागे धाममहेंदर मिसिर

जबसे गइलें स्याम नीको नाही लागे धाम
से नीको नाही लागे मधुबनवाँ हो लाल।
घर में ना रहल जाला कुंज बन ना सोहाला
से दउरेला काटे वृन्दाबनवाँ हो लाल।
उहे जमुना के धार पनिया भइल अंगार
से हन-हन बहेला पवनवाँ हो लाल।
हरदम रोवे जीया प्रेमवाँ के बूतल दीया
से नयनवाँ से बहेला सवनवाँ हो लाल।
कहत महेन्दर ऊधो हमनी ना साधब जोग
से जाने कब होइहे दरसनवाँ हो लाल।


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