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निठुर कन्हैया मोरा सूध बिसरवलें से देखहूँ के भइलें सपनवाँ हो लाल

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निठुर कन्हैया मोरा सूध बिसरवलें से देखहूँ के भइलें सपनवाँ हो लाल
by महेंदर मिसिर
301415निठुर कन्हैया मोरा सूध बिसरवलें से देखहूँ के भइलें सपनवाँ हो लालमहेंदर मिसिर

निठुर कन्हैया मोरा सूध बिसरवलें से देखहूँ के भइलें सपनवाँ हो लाल।
अँगुरी जे धई-धई हमनी नचवनी से अब त भइलें महाराजववा हो लाल।
हमनी जो जनितीं जे स्याम निरमोहिया तऽ पहिले ही किरिया धरइतीं हो लाल।
जब सुधी आवे राम साँवरी सुरतिया कि हिया बीचे मारेला कटरिया हो लाल।
कहत महेन्दर कब ले होइहें मिलनवाँ कि राते-दिन करीले सगुनवाँ हो लाल।


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